Tuesday, 20 January 2015

रामश्रय बाबू : बिहार में हाशिए पर पहुँच गए ब्रह्मर्षि समाज को सत्ता के केंद्र में लाने रणनीतिकार

रामश्रय बाबू ने लालू दौर में राजनीतक रूप से लगभग हाशिए पर पहुँच गए ब्रह्मर्षि समाज को सत्ता के केंद्र में लाने में अहम और अग्रिणी भूमिका निभाई ..

 श्री सिंह का जन्म 30 जनवरी 1930 को जहानाबाद के नेवाड़ी गांव में हुआ था. उनके पिता स्व. लषण लाल प्रसाद सिंह थे. श्री सिंह वर्ष 1962 से 72 तक गया के शाहाबाद के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद निर्वाचित हुए. इसके बाद वर्ष 1972 से 77 तक कुर्था विधानसभा क्षेत्र से सदस्य चुने गए.

वर्ष 1980 से 85 तक जहानाबाद के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से सदस्य बनने के बाद अप्रैल 1985 से नवम्बर 86 तक विधान परिषद के सदस्य बने. इसके बाद नवम्बर 1986 से मार्च 1990 तक गया के कोच विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए. वर्ष 1995 से 2000 तक वे नवादा के वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र से सदस्य निर्वाचित हुए.

फरवरी 2005 से जून 2005 तक मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से सदस्य और सात मई 2006 को जदयू के विधान पार्षद बने. श्री सिंह वर्ष 1970 से 72 तक प्रदेश कांग्रेस के महासचिव व वर्ष 1972 से 74 तक नगर विकास एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के राज्यमंत्री बने. वर्ष 1974 से 77 तक वे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और नगर विकास विभाग के मंत्री बने फिर वर्ष 1980 से 85 तक उद्योग, खाद्य एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री रहे. वर्ष 1986 से 88 तक जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री, वर्ष 2005 से 08 तक जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री, वर्ष 2008 में ऊर्जा विभाग एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे. श्री सिंह फिलहाल जदयू के विधान पार्षद के साथ सत्तारूढ़ दल के उपनेता थे. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था. 

No comments:

Post a Comment