Sunday, 1 February 2015

शेरपुर के शहीद

अमर शहीदों के बहाने २५ सितम्बर को भारतीये स्वतंत्रता आंदोलन में किसानों के योगदान की चर्चा की गई .
राजधानी दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में पूर्वांचल सेवा संघ के द्वरा आयोजित अमर शहीद स्मृति समारोह में देश के जाने माने बुद्धिजीवीयों ,चिंतकों ,विचारकों और राजनीतिजज्ञों ने अपने विचार रखे .

विषय प्रवेश करते हुए प्रोफ़ सत्यमित्र दुबे ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास के पन्नों को उलटते हुए भारतवर्ष में हुई घटनाओं की चर्चा की .

अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव और भारतीय साम्यवादी दल के सचिव अतुल कुमार अंजान ने विचार गोष्ठी को संबोधित 'खेती बचाओ ,देश बचाओ ' का नारा देते हुए आज देश भर में ज़ारी किसान प्रतिरोधों को रेखांकित करते हुए आज के किसानों के समकक्ष चुनौतियों का ज़िक्र किया .

देश के वरिष्ठ स्तंभकार अवधेश कुमार ने इतिहास को वर्तमान से जोड़ते हुए आज देश में उत्तपन चुनौतियों को जिक्र किया .

इस मौके पर नागालैंड ओपन विश्विद्यालय के कुलपति प्रियरंजन त्रिवेदी ने खेती के समक्ष बदलते मौसम पर चिंता जाहिर की .

कार्यक्रम की अध्यछता कर रहे जनसत्ता के पूर्व संपादक और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के उप कुलपति रहे अच्युतानंदन मिश्र ने अपना व्यक्तव्य रखा .

अमर शहीद शिवपूजन राय प्रतिष्ठान के अध्यछ दीनानाथ शास्त्री ने बहस में हस्तक्षेप करते हुए पाकिस्तान में किसानी पर रौशनी डाली .

जामिया मिलिया विश्विद्यालय के डीन ज्ञान प्रकाश शर्मा और देश वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय की विशिष्ठ उपस्थिति रही .

मंच का संचालन अखिल भारतीय पूर्वांचल समाज सेवा संघ के अध्यछ राजीव रंजन राय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन गोपाल जी राय के द्वरा दिया गया .

विशाल तिवारी और जवाहरलाल लाल नेहरु विश्विद्यालय के सुर्येभान राय की इस कार्येक्रम में सक्रिय सहभागिता रही .

अमर शहीदों की याद में हर साल गाज़ीपुर की मुहम्दाबाद तहसील पर मेला लगता है पिछले वर्ष से ये समारोह दिल्ली में भी आयोजित किया जा रहा है .. आईए एक नज़र १८ अगस्त १९४२ की घटना पर भी डाल लेते हैं .

१९४२ के अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान १८ अगस्त १९४२ कोपूर्वी उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर की मोहम्दाबाद तहसील पर हुई इस अदभुत अहिंसक क्रान्ति में शेरपुर गाँव के आठ नवजवानों ने तिरंगा झंडा फहराते हुए हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी

अगस्त क्रान्ति के इतिहास में मुहम्दाबाद ,गाज़ीपुर की क्रान्ति स्वर्ण अक्षरों में अंकित की जाने वाली है .

डॉ० शिवपूजन राय के नेतृत्व में वंशनरायण राय ,रामबदन उपाध्याय, वरिष्ठ राय , ऋषेश्वर राय , नरायण राय , वंशनारायण राय ११ , ये सभी शेरपुर के शेर स्वतंत्रता की बलिवेदी पर आहूत हो गए .

१९४२ की अहिंसक क्रान्ति के दौरान ये एक अनोखी घटना थी .

इस घटना से तिलमिलाए अंग्रेजों ने बदले की भावना से अंग्रजों की बलुची फौज ने कई दिनों तक 'शेरपुर' गाँव को चारों तरफ से घेरकर लूटने फूंकने के के साथ साथ दमन का अमानवीय दमनचक्र चलाया .इसमें भी तीन लोग शहीद हुए .

2 Comments:

At 16 November 2015 at 03:52 , Blogger Gopal ji rai said...

विशालतिवारी की रिपोर्ट अच्छी लगी

 
At 16 November 2015 at 03:56 , Blogger Gopal ji rai said...

विशालतिवारी की रिपोर्ट अच्छी लगी

 

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