जहानाबाद: जिला अदालत ने बहुचर्चित शंकर बिगहा नरसंहार के सभी 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. 25 जनवरी, 1999 की रात रणवीर सेना के सशस्त्र लोगों ने अरवल जिले के शंकर बिगहा (तत्कालीन जहानाबाद जिला) में हमला कर 23 लोगों को मार डाला था. मारे गये सभी लोग दलित और कमजोर जातियों के थे. अदालत में ट्रायल के दौरान सभी गवाहों ने आरोपितों को पहचानने से इनकार कर दिया था.
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. इस दौरान करीब 24 अलग-अलग ट्रायल चल रहे थे. न्यायाधीश राघवेंद्र कुमार सिंह ने अपने फैसले का आधार आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य का अभाव बताया.
मामले में पुलिस की ओर से 49 गवाह थे और सभी गवाहों ने आरोपितों को पहचानने से इनकार कर दिया था. इस कांड में 24 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें धोबी बिगहा के 21 लोग थे. रणवीर सेना के हमले में 14 लोग बुरी तरह घायल हो गये थे. इस मामले में सूचक प्रकाश राजवंशी के बयान पर महेंदिया थाने में कांड संख्या 5/99 के तहत मामला दर्ज हुआ था. जिसमें हत्या का आरोप तथाकथित उग्रवादी संगठन रणवीर सेना पर लगा था. पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और लंबी न्यायिक प्रक्रिया का दौर चला और अभियुक्तों की बेल पर रिहाई भी हुई. लेकिन, बाद में ट्रायल चला.
इस जनसंहार की गूंज देश भर में सुनायी पड़ी थी. देश भर में इसकी निंदा की गयी थी. तब भाजपा और समता पार्टी ने तत्कालीन राबड़ी देवी सरकार को बरखास्त करने की मांग करते हुए बिहार बंद कराया था. भाकपा माले और भाकपा ने भी आंदोलन किया था.
बरी किये गये लोग : 1. बूटन सिंह 2. कौशल कुमार 3. भगवान सिंह 4. वीरेंद्र सिंह 5. मनोज सिंह 6. बबन सिंह 7. गोपाल शर्मा 8. नवल किशोर 9. नवल सिंह 10. सहेंद्र कुमार शर्मा 11. अशोक कुमार12. उमेश शर्मा 13. राधा रमण 14. ओम प्रकाश 15. धर्मेद्र शर्मा 16. अमरेंद्र शर्मा 17. शिव शर्मा 18. गौरी शर्मा 19. मंटू शर्मा 20. मंटू कुमार 21. बिहारी शर्मा 22. विजेंद्र शर्मा.23. धर्मा शर्मा. 24. गोविंद शर्मा (कमता)
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