टीवी धारावाहिकों में पौराणिक चरित्र निभाने वाले ज़्यादातर अभिनेताओं को अपनी छवि तोड़ने में बहुत मुश्किल पेश आती है.
किसी भी पौराणिक चरित्र को निभाने के बाद एक कलाकार के टाइपकास्ट होने का ख़तरा होता है.
धारावाहिक 'देवों के देव महादेव' के एक्टर मोहित रैना ने भी इस धारावाहिक को छोड़ा था क्योंकि इसके कारण उन्हें दूसरी भूमिकाएं नहीं मिल रही थीं.
ज़ी टीवी के धारावाहिक 'रामायण' में राम का किरदार निभाने के बाद अभिनेता गुरमीत चौधरी भी अपनी इमेज को तोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रहे हैं.
गुरमीत, भट्ट कैंप की फ़िल्म 'खामोशियां' से बॉलीवुड में हीरो के तौर पर अपनी पारी शुरू कर रहे हैं.
इमेज को तोड़ना
छोटे पर्दे पर 'राम' के चरित्र से करियर की शुरुआत करने के बारे में गुरमीत कहते हैं, "सबसे पहले तो ज़रूरी था कि मुझे काम मिले. टाइपकास्ट होने का सवाल तो बाद में उठता है. पहले ज़रूरी था कि मैं लोगों के सामने आऊँ और इसीलिए मैंने राम के किरदार के लिए हाँ की."
गुरमीत से कई लोगों ने कहा था कि ऐसे किरदार के बाद आगे काम मिलना मुश्किल होता है.
वो कहते हैं, "मुझे इस किरदार की इमेज को तोड़ना था. मैंने रामायण के बाद पौराणिक किरदार करने की बजाए ऐसे किरदार चुने जिनमें मुझे मेरी अभिनय क्षमता दिखाने का मौका मिल रहा था और 'नच बलिए' से मुझे मेरे नृत्य को निखारने का मौका भी मिला."
पर्दे के राम-सीता बने पति-पत्नी
साल 2008-2009 में आए 'रामायण' धारावाहिक में गुरमीत के साथ सीता का किरदार निभाने वाली देबीना बनर्जी बाद में उनकी पत्नी बनीं.
देबीना से अपने रिश्ते के बारे में गुरमीत कहते हैं, "लोगों को लगता है कि हम दोनों की मुलाक़ात सेट पर हुई थी, जबकि सच्चाई यह है कि हम दोनों एक-दूसरे को काफ़ी पहले से जानते थे."
गुरमीत अपने संर्घष के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि उन्हें और देबीना को शुरुआत में काफ़ी मुश्किलें पेश आईं.
वो कहते हैं, "हम दोनों ने सिर्फ़ एक बैग के साथ स्ट्रगल करने से लेकर बंगले तक का सफ़र एक साथ तय किया है."
गुरमीत मानते हैं कि देबीना उनके लिए भाग्यशाली हैं. उनकी फ़िल्म 'खामोशियां' में भी देबीना मेहमान भूमिका में नज़र आएंगी.
शाहरुख के बंगले से मिलती है ताक़त
गुरमीत के पसंदीदा फ़िल्म अभिनेता शाहरुख़ ख़ान हैं. शाहरुख़ ने भी फ़िल्मों में आने से पहले टीवी में काम किया था.
क्या गुरमीत भी शाहरुख़ को मिली सफलता दोहरा सकेंगे? इस पर वे कहते हैं, "यह कहना जल्दबाज़ी होगी. मैं शाहरुख़ का बहुत बड़ा फ़ैन हूं. मैं तो उनके बंगले को भी कई बार देखता हूं क्योंकि उसे देखकर मुझे ताक़त मिलती है."
टीवी पर वापसी के बारे में वो कहते हैं, "अभी उनका पूरा ध्यान बॉलीवुड पर है लेकिन अच्छा मौक़ा मिला तो इस बारे में सोच सकते हैं."
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