Thursday, 29 January 2015

अभयानंद और बिहार पुलिस महकमे में ' आपरेशन क्लीन '

बिहार पुलिस महकमे में ' आपरेशन क्लीन '.....एक पत्थर से दो निशाने ' क्राइम कंट्रोल ' और जनता का विश्वास |

सत्य जब भी किसी के साथ हो जाये तो व्यवस्थाएं खुद ब खुद बदलने लगती हैं | वर्तमान में जो दृश्य बिहार की मिट्टी देख रही है , वो किसी बड़े आश्चर्य से कम नहीं | पुलिस महकमें में सुधार के आसार तो दिख ही नहीं रहें थे लेकिन विगत कुछ महीनों में पुलिस महकमें में सुधार के कुछ-कुछ नए कोंपल फूट पड़े हैं | अगर किसी लेखक के हाथ में अच्छी कलम हो तो शब्दों के भण्डार अपने आप किसी गहरे अन्धकार को मिटा रौशनी को ले आते है ,आज वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेखक की भूमिका में हैं और बिहार के डी .जी .पी श्री अभयानंद कलम की भूमिका में | ' स्पीडी ट्रायल ' ने जिस तरीके से बिहार में अपनी धूम मचा दी थी , उसी तरह से बिहार पुलिस में तरह - तरह के आधुनिक विचारों को लाकर श्री अभयानंद धूम मचाने की तैयारी में हैं |बिहार में अपराध के जीरो टालरेंस के तहत न केवल अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी है अपितु बिहार पुलिस में पदस्थापित उन पुलिस कर्मियों पर भी गाज गिरने वाली हैं,जिनका चरित्र पद का दुरूपयोग करने वाला हैं | शिकायत मिली और पुष्ट हो गई तो कार्रवाई तय हैं , चाहे दरोगा हो या फिर किसी जिले के पुलिस कप्तान ,यह कार्रवाई पुलिस महकमे में अघोषित ' आपरेशन क्लीन ' के तहत की जाएगी | वर्तमान में भारत देश में नैतिक पतन के कई उदाहरण देखने को मिलें हैं और सबसे बड़ा नैतिक पतन तो यह है कि देश का रक्षक ही देश का भक्षक बन गया हैं | यदा कदा अगर कुछ ईमानदार देश के रक्षक कुछ अच्छा करने का प्रयास करते भी हैं तो राजनीतिक रूप से उनपर दबाव बना कर उन तमाम ईमानदार अधिकारियों को कर्तव्य से विमूढ़ होने के लिए वाध्य कर दिया जाता है | भारत में अगर कोई बड़ी घटना हो जाए तो आम जनता हो अधिकारी या राजनेता सभी की जुबान एक हो एक स्वर में सी.बी आई से जांच की मांग दुहराते हैं पर उस भगवान् स्वरुप सी.बी.आई का आखरी दरवाजा प्रधानमंत्री के कार्यालय में खुलता है और यही सबसे दुखद पहलु है भारत के जन के लिए | सी .बी .आई को स्वतंत्र हो कार्य करने का अधिकार प्राप्त होना चाहिए और उसका कार्य संदिग्ध न हो इसके लिए सी .बी .आई के कार्यप्रणाली को बहुचर्चित लोकपाल से सीधे जोड़ देना चाहिए | फिर तो कम से कम जनता अपने भगवान स्वरूप सी .बी .आई के असली शक्ति को देख पायेगी | जब-जब कोई राजनेता ईमानदार हो पुलिस के कार्यप्रणाली में अपना हस्तक्षेप नहीं किया है तब तब अमन और चैन कायम हुआ है और लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़ा हैं | वर्तमान में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और बिहार के डी.जी .पी श्री अभयानंद की जोड़ी की मनसा भी यही लगती हैं कि बिहार से अपराध को पूर्णतयः खत्मकर एक नए आयाम सुसाशन को दे | पुलिस की भूमिका बिहार में अच्छी नहीं रही हैं और आसानी से राजनेता इसका दुरुपयोग कर अपनी मनमानी करते आये हैं | जिसके चलते व्यापक रूप से पुलिस महकमें में भी गड़बड़िया पाई जा रही हैं और ईमानदार अधिकारियों को कार्य करने में असुविधा होती आई है | पुलिस महकमें में ' आपरेशन क्लीन ' स्वागत योग्य है .......जिससे क्राइम कंट्रोल तो होगा ही ईमानदार अधिकारियों का गर्दन गर्व से तना रहेगा और आम जनता का विश्वास पुलिस के प्रति बढेगा | जय हिंद !! जय बिहार !!

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