राम बहादुर राय
जयप्रकाश आंदोलन के अगुआ, शुचिता की पत्रकारिता के पैरोकार, ईमानदार कलम..जयप्रकाश नारायण के शिष्य, गांधी विचार के प्रबल अनुयायी, चंद्रशेखर, वीपी सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे प्रधानमंत्रियों के नजदीकी होने के बावजूद राजनीति के आंगन में सहज निर्विकार शख्सियत..यथावत पाक्षिक के संपादक रामबहादुर राय के लिए कई और विशेेषण हो सकते हैं..उन्हें पद्मश्री मिलने पर हार्दिक बधाई..यह बात और है कि वे इससे भी कहीं ज्यादा के हकदार हैं..
जिस रामबहादुर राय ने 1974 के बिहार आंदोलन की हवा बनाई थी, फिर जेपी को छात्र आंदोलन में लेकर आए थे। सबसे पहले मीसा कानून के तरह इंदिरा सरकार ने इन्हें ही बंदी बनाया था। इतना ही नहीं है। दो बात और बात देता हूं। पत्रकारिता में आए तो मिशन की तरह काम किया। जैन हवाला कांड की सच्चाई पहले-पहल लोगों को बताई।
जिस रामबहादुर राय ने 1974 के बिहार आंदोलन की हवा बनाई थी, फिर जेपी को छात्र आंदोलन में लेकर आए थे। सबसे पहले मीसा कानून के तरह इंदिरा सरकार ने इन्हें ही बंदी बनाया था। इतना ही नहीं है। दो बात और बात देता हूं। पत्रकारिता में आए तो मिशन की तरह काम किया। जैन हवाला कांड की सच्चाई पहले-पहल लोगों को बताई।
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