Tuesday 20 October 2015

श्री कृष्ण सिंह जी ने रामधारी सिंह दिनकर जी को क्या कहा था

अपने बिरादरी के कुछ युवा सदस्यों की तकलीफ (की हमारी बिरादरी के तथाकथित नेता . . . सिरमौर) की जिनसे उम्मीद थी वे काम न आये, को यह बतला दूं की आप बच्चे हैं . . . भले लायक हो गए हों . . . आपने जो आज झेला है वह हमने 1990 में झेला था और आज से ज्यादा दर्दनाक तरह से - और पुराणी कहानियां भी सुन रखी हैं - शायद आपको मालूम हो की श्री कृष्ण सिंह जी ने रामधारी सिंह दिनकर जी को क्या कहा था . . . सीख - (1) जो करना हो अपने बल पर करो (2) अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए - स्वान्तः सुखाय - जितने में संतुष्ट हो जाओ, उतने पर रुक जाओ . . . उससे आगे दुखी हो जाओगे (3) हमारी बिरादरी का कोइ नेता नहीं है - मान लो - अब भी मान जाओ . . . हमारी बिरादरे "हम सबों के" सम्मिलित सहयोग से चलेगी - किसी नेता से कोइ उम्मीद यता उसपर भरोसा णा करें

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