जब मालदा से लेकर बंगलादेश तक होती थी भूमिहारों की हुकूमत
सिंघाबाद रियासत के महाराजा सह चर्चित तबला वादक महाराजा भैरवेंद्र नारायण राय | बंगाल व बांग्लादेश की मिट्टी के एक बड़े हिस्से पर अपनी हुकूमत चलाने वाला भूमिहार राजवंश
सिंघाबाद रियासत को नाच गान मुजराओं को तरजीह देने वाला रियासत भी माना जाता था |
रियासत के राजा को “तब्याफों” का आश्रय दाता भी कहा जाता था |
मालदा ज़िले में कई स्कूल और अस्पताल का निर्माण इनके द्वारा करवाया गया |
सोनाड़ी से सिंहाबाद –
फिरोजशाह तुगलक के शासन काल में ग़ाज़ीपुर(यूपी) के ‘सोनाड़ी’ गांव से जाकर बंगाल के मालदा जिले में ‘राजा भैरवेंद्र नारायण राय’ के पूर्वजों ने ‘सिंहाबाद रियासत’ की नींव रखी।आजादी के बाद सिंहाबाद की राजबाड़ी के साथ रियासत का तीन-चौथाई हिस्सा पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में चला गया।
आज की तारीख में राजा भैरवेंद्र नारायण राय के वंशज कोलकाता और मालदा में निवास करते हैं। उनके प्रपौत्र ‘सौराजीत रॉय’ बांग्ला फिल्मों के निर्माता निर्देशक हैं जबकि उनकी बहन ‘श्रेष्ठा रॉय’ भी फिल्म निर्माण में ही सक्रिय हैं।
बुलबुलचंडी जमींदारी (पाटीदार – सिंघाबाद)
बंगाल के मालदा ज़िले में ही भूमिहार समाज की एक और बड़ी जमींदारी थी | इसके राजा राजेन्द नारायण राय और अमरेंद्र नारायण राय काफी चर्चित हुए ..बिहार का पूर्णिया ज़िले की अधिकांश जमींदारी इनके आधीन थी ।
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