बुरहान वानी याद, कर्नल मुनीन्द्र राय को भूले @AM
कश्मीरी आतंकी बुरहान वानी का नाम देश में सब को याद है, चाहे उसके समर्थक हों अथवा विरोधी, पर कर्नल मुनीन्द्र नाथ राय, जो उसके षड्यंत्र का शिकार होकर अपने एक सहकारी के साथ दक्षिणी कश्मीर में डेढ़ साल पहले शहीद हुए थे, भुला दिए गए हैं . त्राल के उस हत्याकांड का मास्टरमाइंड वानी उसके पहले एक दर्जन से ज्यादा पंचों-सरपंचों की हत्याओं में भी वांछित था . इन जनप्रतिनिधियों ने वानी द्वारा मना किये जाने के बावजूद पहले तो 2011 के पंचायत चुनावों में खड़े होने की हिम्मत दिखाई, फिर 2012 के विधान परिषद् चुनाव में बहुत भारी संख्या में वोटर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज की . इस सब से ऐसा प्रतीत होने लगा था कि वानी का संगठन 'हिजबुल मुजाहिदीन' कश्मीर में अपनी ताकत खो चुका है . यही वजह रही कि उसने पंचों-सरपंचों को मारा और 2015 में फ़ौज पर हमला किया . उसे हीरो बनाने वाला मीडिया जरा उसके राष्ट्र-विरोधी अपराधों को याद कर ले .
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