Thursday, 9 July 2020

हथुआ राज पैलेस

सूबे के सबसे बड़े निजी घरों में से एक है 495 कमरों वाला हथुआ राज पैलेस. तीन पीढ़ियों ने 42 वर्षो में किया था पैलेस का निर्माण, 1901 में हुआ था गृह प्रवेश। प्राचीन हथुआ राजवंश के भव्यता व वैभव के प्रतीक के रूप में विशाल हथुआ राज पैलेस आने-जाने वाले पर्यटकों को खूब लुभाता है। हथुआ-मीरगंज मुख्य मार्ग पर 17 एकड़ के विशाल परिसर में स्थित 495 कमरों वाला यह राज पैलेस हथुआ राज के वंशजों का वर्तमान पैतृक निवास स्थल है। सूबे के सबसे बड़े निजी घरों में से एक यह पैलेस ब्रिटेन के बर्किंघम पैलेस का प्रतिरूप है। यहां रूकना या घूमना एक राजसी एहसास के जैसे है और इतिहास के उन पलों में लौटना है,जब राजतंत्र हुआ करता था। खूबसूरत पैलेस के निर्माण में पूर्वी व पश्चिमी वास्तुकला के प्रभाव का मिश्रण है। वास्तुकला के इजिप्टियन शैली में इस पैलेस का वाह्य निर्माण हुआ है। पैलेस के आगे खूबसूरत विशाल गार्डेन की खूबसूरती देखते बनती है। हथुआ राज के वर्तमान वंशज महाराज बहादुर पंडित मृगेन्द्र प्रताप साही, महारानी पूनम साही, युवराज कौस्तुभ मणि प्रताप साही, युवरानी विदिशा साही, राजकुमारी आद्या चिन्मयी साही के नेतृत्व में राजशाही के शानदार विरासत को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इसकी भव्यता को कायम रखना राज परिवार के लिए काफी मुश्किल व चुनौती पूर्ण है। पैलेस में सालों भर कार्यक्रमों का दौर चलता रहता है। दूर-दूर से लोग इस पैलेस को देखने और समझने आते रहते हैं। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से इस पैलेस में सामान्य ढंग से प्रवेश पर रोक है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अनुमति के बाद ही प्रवेश संभव है।

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